Amazing Benefits of Buttermilk in Hindi (2021) | छाछ के फायदे एवं आयुर्वेदिक गुण

Benefits of Buttermilk in Hindi नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करेंगे दही से बनने वाले लस्सी (Buttermilk), जिसको छाछ भी बोलते हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे छाछ के फायदे के बारे में, छाछ किस को पीनी चाहिए ? कब पीनी चाहिए और इसे सही तरह से बनाने का ढंग क्या है। चलिए सबसे जानते हैं Benefits of Buttermilk हिंदी में

Buttermilk क्या है ? (Benefits of Buttermilk in Hindi)

देखिये छाछ क्या है पहले इस चीज को समझना जरुरी है, एक गिलास लस्सी लीजिये अपनी सामर्थ्य  के हिसाब से (जितना आप पचा सकें), अब इसमें एक चौथाई साफ़ पीने वाला पानी डाल दें, याद रखें अगर वह एक कटोरी पूरी होगी तो ही आप उसमें से सही मात्रा में मक्खन निकाल सकते है। 

अब इसको आपने अच्छे से मथना (Grind) है।  10 मिनट तक मथने पर आप देखेंगे इसके ऊपर मक्खन (Butter) गया है। इस मक्खन को आप बच्चों को दे सकतें हैं ये उनकी सेहत बनाने में काफी मदद करता है। चाहे तो बड़े भी इसका उपयोग नाश्ते में कर सकते हैं और जो नीचे पानी जैसा बच गया है वो है मठ्ठा यानी छाछ (Buttermilk) अब इस छाछ का उपयोग  आप कई तरह से कर सकते है आगे के भाग में हम आपको छाछ के फायदे (Benefits Of Buttermilk In Hindi) बताने जा रहे है।

Buttermilk के स्वास्थ्य के लिए  अदभुत फायदे (Health Benefits Of Buttermilk In Hindi)

पित्त रोग

देखें अगर तो पित्त रोग है, पित्त रोग का मतलब है शरीर में गर्मी पड़ी होना, लीवर में गर्मी पड़ी होना, पीलिया होना या ऐसा कुछ होना की नकसीर फट गयी ये सब पित्त रोग हैं तो पित्त रोग में इसमें शक्कर (गुड़) डाल कर लेना होता है तो गुड़ डाल कर इसको आप दोपहर के खाने के बाद ले सकते हैं सुबह भी ले सकते हैं

लेकिन दोपहर में पीने से ज्यादा फायेदा मिलेगा वह इस लिए क्यूंकि दोपहर में शरीर का तापमान ज्यादा गरम होता है इस लिए अगर इसे दोपहर के समय लें तो ज्यादा बेहतर होगा और शाम तक आपके शरीर में पूरी तरह से पच भी जायेगा।

खांसी रोग

अगर खांसी का रोग हो तो इस से बेहतर कोई और चीज नहीं है, तो खांसी से बचाव के लिए इसे कैसे लेना है चलिए शुरू करते हैं, छाछ में थोड़ा सेंधा नमक (Rock Salt) डाल लें, थोड़ी काली मिर्च (Black Paper) और थोड़ी सी सोंठ डाल दें जिसे अंग्रेजी में Dry Ginger बोलते हैं. और हाँ अगर हो सके तो थोड़ा सा पीपली (Pipli) पाउडर डाल दें और इसको भी दोपहर के समय लेंगे तो वो खांसी (Cough) रोग में काम करेगा यानी के फिर Cough नहीं बनेगा.

वात रोग

अगर ये वात रोगों में लेनी है जैसे दर्दें होतीं हैं शरीर में या कई लोगों को होता है की वायु है शरीर में भारीपन महसूस होता है तो उस स्थिति में क्या करें, इसमें साधारण सेंधा नमक, जीरा भुना हुआ और थोड़ी सी हींग मिला कर लें सकते हैं, कई लोग पूछते हैं हमें तो त्वचा का रोग है हमें दही मना की हुई है तो भी इस छाछ को ले सकते हैं पर याद रहे दही साधारण तरीके से मिटटी के बर्तन में जमाया हुआ हो और मीठा हो खाने में.

Buttermilk त्वचा के लिए है फायदेमंद (Benefits of Buttermilk for Skin in Hindi)

दोस्तों छाछ (Buttermilk) हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होती है, अब बात करें की किस तरह ? छाछ में अगर रूई डाल कर अगर उस से त्वचा को साफ़ करें तो बहुत फायदा मिलेगा और मान लें अगर आपने चेहरा पहले से ही पानी से धोया हुआ है तब भी आपको थोड़ी बहुत धुल मिल जाएगी. उसमें जो लस्सी की जो हलकी सी खट्टास होती है वो इन सब चीज़ों में बहुत फायदेमंद है आप किसी भी तरह का कोई face pack बना रहे हैं और आपकी त्वचा तैलीय है तो लस्सी एक गुणकारी नुस्खा है त्वचा में निखार लाने के लिए. लस्सी का सेवन करने से शरीर की अंदरूनी ताकत बढ़ती है कोशिकाये दोबारा बनती हैं.

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गर्भवती महिलाओं के लिए Buttermilk फायदेमंद (Buttermilk Benefits During Pregnancy)

छाछ (Buttermilk) का तीसरा जो फायदा है वो है गर्भवती महिलाओं के लिए, दोस्तों लस्सी गर्भधारन में बहुत लाभकारी होती है. हम जानते हैं गर्भधारन के दौरान महिलाओं को बहुत परेशानी हो जाती है और कुछ खाने का मन नहीं करता है. समझ नहीं आता है की भूख लगी है या नहीं लगी, खाना खाना है या नहीं खाना है, ऐसे में लस्सी आपके लिए बहुत लाभकारी साबित होती है. आप दोपहर के समय लस्सी किसी भी तरह ले सकते हैं आप मीठा बना कर ले सकते हैं, नमकीन बना कर ले सकते हैं आप चाहे तो कुछ भी मत मिलाइये उसमें ऐसे ही लस्सी पी सकते हैं. गर्भधारन में महिलाओं के लिए इस लिए लाभकारी है कयूंकी उनके पेट में पल रहे बच्चे के लिए भी बहूत पौष्टिक साबित होती है.

पेट में बच्चे के जो अंग विकसित होते हैं विशेष रूप से जब आमाशय जब बनता है बच्चे का तो उसके लिए यह ज्यादा फायदेमंद है कयूंकि आमाशय को ताकतवर होना बहुत जरुरी होता है. बच्चा जब पेट से बहार आता है तो सिर्फ तरल भोजन नहीं और भी बहुत सारी चीज़ें खानी होती हैं.

यानी सम्पूर्ण भोजन दिया जाता है महीने बाद तो बचपन से ही यानी माँ के पेट से ही बच्चे का आमाशय इतना सवस्थ है तो बाहर आकर उनको पेट की परेशनियां नहीं होती और ऐसा बोला जाता है की गर्भधारन के दौरान जिन जिन समस्याओं का समाधान माँ ढूंढ लेती है यानी अपने शरीर का पूरा ध्यान रखती है अपने को कोई रोग नहीं होने देती तो बच्चा भी उन सब रोगों से मुक्त रहता है. इसीलिए गर्भधारन में लस्सी बहुत लाभकारी है आपके लिए और आपके बच्चे के लिए.

छाछ ब्लड प्रेशर को सामान्य करे (Control Blood Pressure Control With Buttermilk)

Blood Pressure Control with Buttermilk 

छाछ (Buttermilk) का चौथा जो फायदा है वो है BP रोगियों के लिए जिनको ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है. कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर (BP) उच्च रहता है और कुछ लोगों का कम रहता है.

ऐसे में बहुत उपयोगी है अगर आप लस्सी में नमक मिला कर पियें तो अगर आपका BP कम रहता आपको फायदा मिलेगा। और अगर आपका BP उच्च रहता है तो इसमें शक़्कर (गुड़) डाल कर पियें आपका ब्लड प्रेशर सामान्य हो जायेगा।

दोनों ही अवस्थाओं में आपको ध्यान रखना है की नमकीन लस्सी आप पी रहें हैं आपका ब्लड प्रेशर सामान्य हो जायेगा और अगर उच्च रक्तचाप की समस्या है तो शक़्कर (गुड़) डाल लें. कुछ ही दिनों में आप महसूस करेंगे आपको फायदे होंगे लेकिन ये आपको रोज़ाना पीना पड़ेगा।

आयुर्वेद में होमियोपेथी में हम जिन भी घरेलू नुस्खों की बात करते हैं शरीर के लिए वो लाभकारी होती हैं नुकसान कुछ नहीं होते परिणाम भी मिलता है लेकिन थोड़ा धैर्य के साथ हमको वो चीज़े रोजाना तरीके से सेवन करनी होती हैं और उनका इस्तेमाल करना होता है. दोस्तों ब्लड प्रेशर के साथ साथ ये हमारे कोलेस्ट्रॉल को भी सामान्य करता है.

छाछ वज़न कम करने में सहायक Benefits of Buttermilk for Weight Loss in Hindi

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वजन कम करने के लिए  कैलोरी  कम खानी होती  है, ऐसी परिस्थितियों में, छाछ (Buttermilk ) एक बेहतर विकल्प है। यह हल्का होता है, इसमें कम वसा और कम कैलोरी होती है। छाछ  में लस्सी की तुलना में 50 प्रतिशत कम कैलोरी और 75 प्रतिशत कम वसा होती है। यह Vitamin C  से भी समृद्ध है और प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system)को मजबूत करने में मदद करता है। आपके चयापचय(Metabolism )को बढ़ावा देने के लिए आपके पास एक दिन में कई गिलास छाछ (Buttermilk) पी  सकते हैं। एसिड रिफ्लक्स ( acid reflux.) से पीड़ित लोगों के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है।

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कब करें छाछ का सेवन (What is the Timing of Using Buttermilk in Hindi)

Benefits of Buttermilk in Hindi के इस भाग में जानेंगे की छाछ का सेवन कब करना चाहिए। हमें हमेशा छाछ (Buttermilk) का सेवन करना  अच्छा माना जाता है। इसे किसी भी उम्र के लोग आसानी से ले सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को सही रख सकते हैं। लेकिन छाछ का सेवन सही समय के हिसाब से करना उचित होगा।

छाछ (Buttermilk) का सेवन हमेशा दिन के समय, दोपहर में करना चाहिए। अगर आप लंच के बाद भी छाछ का उपयोग करते हैं, तो यह भी फायदेमंद होगा। एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि मौसम को ध्यान में रखते हुए छाछ का सेवन करें।

छाछ से होने वाले नुकसान (Disadvantage of Buttermilk In Hindi)

ऐसे तो छाछ पीना हम सभी को पसंद होता है लेकिन अत्यधिक उपयोग कर लेने से भी नुकसान हो सकता है।

1). यदि आप बुखार से पीड़ित हो, तो ऐसे में छाछ (Buttermilk) का उपयोग नहीं करना चाहिए। ऐसे में आपका बुखार ठीक नहीं होगा क्योंकि माना जाता है कि छाछ की तासीर ठंडी होती है।

2). यदि आप अधिक मात्रा में छाछ का उपयोग करते हैं, तो ऐसे में आपको डायरिया (Diarrhea) होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में कोशिश करें कि  छाछ का उपयोग सीमित मात्रा में ही किया जाए।

3). यदि आप किसी भी गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं, तो ऐसे में छाछ का उपयोग बिल्कुल ना करें। इससे आपको नुकसान होने की पूरी संभावना है।

4) ज्यादा मात्रा में छाछ (Buttermilk)  ले लेने से कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) बढ़ जाने की भी स्थिति उत्पन्न होती है। जिससे दूसरी बीमारियों का भी खतरा मंडराने लगता है।

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घर में ही बनाए छाछ (Make Buttermilk in At Home in Hindi)

अगर आपको छाछ पीना पसंद है, तो इसे घर पर ही बना कर पीना फायदेमंद होगा। आजकल मार्केट में भी कई प्रकार की  छाछ मिल जाती है लेकिन कहीं ना कहीं यह हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होगा। मार्केट में मिलने वाले छाछ (Buttermilk) में इस बात की गारंटी नहीं होती कि वह आखिर बना कब है? ऐसे में आप ताजा छाछ बनाकर घर पर ही सेवन करें, तो आपके लिए कहीं ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

कितनी मात्रा में करें छाछ का उपयोग (Limitations of Buttermilk In Hindi)

अगर आपको छाछ बहुत ज्यादा पसंद है, ऐसे में भी आप इसे अधिक मात्रा में ना लें तो बेहतर होगा। अगर आप दिन में से एक गिलास छाछ लेते हैं, तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है लेकिन इससे ज्यादा ले लेने पर निश्चित रूप से आपको नुकसान भी होने वाला है। अगर आप चाहे तो सप्ताह में तीन बार छाछ (Buttermilk) लेकर इसका फायदा उठाया जा सकता है।

निष्कर्ष : Conclusion

दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको छाछ के फायदे यानि Benefits of Buttermilk in Hindi की ये जानकारी बहुत पसंद आयी होगी, मेरी आगे भी यही कोशिश रहेगी की में बढ़िया से बढ़िया लेख आपके लिए लेकर आता रहूं। अगर आपको ये लेख अच्छा लगे तो कृपया इसे अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ साँझा करियेगा और मुझे प्रेरित करते रहिये ताकि अच्छी से अच्छी सेहत की जानकारी आपको देता रहूं।

लेख पढ़ने के लिए आपका बहुतबहुत धन्यवाद।

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